बुधवार, 30 नवंबर 2011

संसाधन सहभागिता


प्रायः देखा गया है की ग्रंथालयो में विभिन्न प्रकार की समस्याओ की करण पाठकों को अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है| अतः संसाधन सहभागिता (Resource sharing) द्वारा ग्रंथालय अधिक गतिशील तथा सेवा प्रदत्त हो सकते है| संसाधन सहभागिता का प्रारंभ २०० ई. पू. में एलेक्जेंडरिया (Alexandria Library) तथा पर्गमन ग्रंथालय(Pergamum Library) के बिच सहयोग से हुआ| १९७० में कुछ विश्वविद्यालयो के बीच सहभागिता के माध्यम से सेवा देना आवश्यक समझा गया| यही करण था की ‘वीमर एवं जीन’ ग्रंथालयो ने संयुक्त रूप से एक संघीय सूची(Union Catalogue) एच. सी. बैटन (H. C. Batton) के द्वारा तैयार की गयी| इस प्रकार ग्रंथालयो के बिच संसाधन सहभागिता का विकास हुआ| उदाहरण के लिया प्रसारण प्रबंध (Circulation management), डाटा संग्रहण (Data storage) इत्यादि| १९७१ में UNISIST के एक प्रयोग के अंतर्गत ग्रंथालयो के बीच सहयोग स्थापित करने के लिए सहायता प्रदान की गयी| १९२७ में अमेरिका व कनाडा के ग्रंथालयो की पत्रिकाओ की संघीय सूची (Union list) तैयार की गयी| इसके अतिरिक्त अन्य प्रयास भी हुए जिनसे संसाधन सहभागिता (Resource sharing) अधिक गतिशील बन सके|

संसाधन सहभागिता के द्वारा निम्न सेवाए प्रदान की जाती है:-
  1. अंतर-ग्रंथालय ऋण सेवा(Inter-library loan service)
  2. उपभोक्ता इ-मेल(User E-mail )
  3. अधिग्रहण एवं सूचीकरण (Acquisition and Cataloguing)
  4. कर्मचारी प्रबंध(Personnel Management-training)
  5. सुचना सेवा (Information service)
  6. अनुवाद सेवा (Translation Services)
  7.  विशिष्ट संग्रह का विकास (Development of Special collection)
  8. सहकारी संग्रहण(Co-operative Storage)

   Ref: Suchna Praudyogiki by Dr. C.K. Sharma

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